Tuesday, 3 July 2012

माइ चेस्ट हेज बिकम ब्लाउज : अजय देवगन

इस सप्ताह रिलीज हो रही रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म् "बोल बच्चन" में अजय देवगन ने एक अखाड़ा पहलवान का किरदार निभाया है। अजय के अनुसार फिल्म में यह किरदार आपको खूब हंसाने वाला है। तो पेश है अजय देवगन से बातचीत के कुछ खास अंश :
अजय देवगन


फिल्मे "बोल बच्चन" क्या है?
हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग हमेशा नजर आते रहते हैं, जो कि बहुत हांकते, बड़ी-बड़ी बातें करते रहते हैं, यह फिल्म उन्हीं लोगों के बारे में है। यह एक कॉमेडी फिल्म है, जिसमें सिचुएशनल कॉमेडी है। इसमें अभिषेक हीरोईन के भाई के किरदार में नजर आएंगे।


क्या यह फिल्म ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म "गोलमाल" का रीमेक है?
आप इसे रीमेक नहीं कह सकते, यह फिल्मा "गोलमाल" से इंस्पायर है, मगर इसमें काफी बदलाव किए गए हैं। रोहित ने इसे नए सिरे से लिखा है, इसमें कुछ नए पात्र जोड़े गए हैं, हर पात्र का चरित्र-चित्रण अलग है, दोनों फिल्मों में काफी अंतर हैं।

आपके किरदार के बारे में बताएं?
आप मुझे इस फिल्म में राजस्थान के पृथ्वींराज रघुवंशी नाम के एक अखाड़ा पहलवान के किरदार में देखेंगे। उसे अंग्रेजी बोलने का बहुत शौक है, मगर अंग्रेजी नहीं आती और गलत बोलता रहता है। जैसे हिंदी का एक मुहावरा है कि "तुझे पाकर मेरी छाती और भी चौड़ी हो गई" जिसे वह अंग्रेजी में बोलता हैं "माइ चेस्ट हेज बिकम ब्लाउज"। इसके अलावा फिल्म में पृथ्वीसिंह और क्या-क्या करता है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी। यह मेरा वादा है कि यह फिल्म शुरू से अंत तक दर्शकों का मनोरंजन करने वाली है। पूरा परिवार एक साथ फिल्म" देख इसका आनंद उठाएगा।

इस साल "बोल बच्चवन" के अलावा आपकी एक और फिल्म आ रही है, "सन ऑफ सरदार"। उसके बारे में कुछ बताए?
"सन ऑफ सरदार" एक बहुत ही अच्छी कहानी पर बनी फिल्म है। यह दिवाली पर रिलीज होगी, इसमें हास्य व एक्श‍न का मिश्रण है।

फिल्म "जमीन" के बाद रोहित शेट्टी, आप, और अभिषेक बच्चन साथ आ रहे हैं। क्या कहना चाहेंगे?
"जमीन" के बाद भी कई बार रोहित ने अभिषेक व मुझे एक साथ लाने की कोशिश की, लेकिन कभी मुझे डेट्स की समस्या आ जाती, कभी अभिषेक को।

किस जॉनर की फिल्मों में काम करना ज्यादा पसंद करते हैं?
मैं एक कलाकार हूँ, अभिनय करना पसंद करता हूँ। मेरे लिए जॉनर कोई मायने नहीं रखता।

"फूल और कांटे" व आज की फिल्मों के एक्शन सीन में क्या बदलाव आए हैं?
अब एक्शन करना काफी आसान हो गया है। समय के साथ तकनीक विकसित हो गई। नए-नए सुरक्षा के साधन उपलब्ध हो गए। हमारे पास वायर सहित कई साधन उपलब्ध हैं। "फूल और कांटे" के समय एक्शन करना बहुत कठिन था, सुरक्षा उपकरण न के बराबर थे।
 
Source:- http://hindi.webdunia.com/

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